भारत सरकार अब देसी गौ पालकों को पुरस्कृत करने जा रही है. भारत सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वो किसानो, गौपालकों और गौ शाला चलाने वाले संगठनो की ओर से 31 मार्च तक आवदेन भेजें.
चुने हुए संगठनों और व्याक्तियों को 26 नवंबर को राष्ट्रीय दु्ग्ध दिवस के आयोजन पर 5 लाख, 3 लाख और 1 लाख के करीब कुल 30 पुरस्कार बांंटे जाएगें.
इसके अलावा सरकार 500 उच्च गुणवत्ता के बैलों के साथ नई तकनीक का प्रयोग कर करीब 7000 बेहतरीन नस्ल की देसी गायों को तैयार करने की योजना बना रही है .गौरतलब है कि भारत में करीब 39 मुख्य देसी गायों की नस्ले हैं जिनमें पंजाब की साहीवाल,राजस्थान की राठी और गुजरात की गिर प्रमुख है. ब्राजील, अमेरिका और आष्ट्रेलिया ने इन भारतीय नस्लों का आयात कर बेहतरीन नतीजे पाएं हैं.
ये माना जाता रहा है कि भारतीय नस्ल की गाय यहां के वातावरण के प्रति ज्यादा सहनशील है.मगर ज्यादा दुग्ध उत्पादन के नाम पर लगातार विदेशी और संकर नस्लों को बढ़ावा दिया गया. गौसेवा में लगे लोगों का मानना है कि देसी गाय के दूध (A2) और मूत्र में औषधीय गुण हैं और इनका संवर्धन किया जाना चाहिए.
क्या है A2 मिल्क ?देसी गाय का दूध को A-2 कहा जाता है. A2 दूध पचने में आसान होता है और इस दूध के फायदों पर विदेशों में काफी शोध हो चुके हैं .देसी गाय की नस्लों से मिलने वाले A2 दूध के बार में जागरुकता बढ़ रही है. तमिलनाडू में हुए जल्लीकट्टू प्रदर्शन के दौरान मिले जनसमर्थन का एक प्रमुख कारण यह भी था.
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